भोपाल: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 की रात को निधन हो गया। उनकी उम्र 92 साल थी। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें एम्स ले जाया गया. वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। जिसे मेडिकल भाषा में बुढ़ापे की बीमारी कहा जाता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है ऐसी बीमारियां होने लगती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि बुढ़ापे से जुड़ी बीमारियां क्या हैं, ये क्यों होती हैं और किस उम्र में ये आपको सबसे ज्यादा परेशान करती हैं।
जेरियाट्रिक डिजीज से किस चीज का खतरा
उम्र संबंधी बीमारियों को जराचिकित्सा रोग कहा जाता है, जो बढ़ती उम्र के साथ, खासकर बुढ़ापे में होती हैं। 65 साल की उम्र के बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कई बदलाव होते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ज्यादातर लोग बढ़ती उम्र के साथ इन बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं और इनका इलाज भी चलता रहता है।
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हड्डियों में दर्द
60 साल की उम्र के बाद हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस उम्र में हड्डियों का घनत्व कम होने के कारण वे कमजोर हो जाती हैं और ऐसी बीमारियां उन्हें परेशान करने लगती हैं।
देखने और सुनने में दिक्कत
बढ़ती उम्र के साथ आंखें कमजोर होने लगती हैं। इससे मोतियाबिंद, मैक्यूलर डिजनरेशन और ल्यूकेमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनसे आंखों की रोशनी कमजोर होती है। इसके अलावा कान से जुड़ी बीमारी प्रेस्बायोपिया यानी सुनने की क्षमता में कमी आ जाती है। इसके अलावा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है और अन्य तरह की बीमारियां भी फैलने लगती हैं।
हार्ट डिजीज
बुढ़ापे की सबसे आम बीमारियां हृदय से संबंधी हैं। इनमें उच्च रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस, हृदय धमनी में रुकावट जैसी परेशानी होती हैं। बढ़ती उम्र के साथ हृदय रोग और मस्तिष्क स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
बुढ़ापें में क्या करना चाहिए
1.उम्र बढ़ने के साथ बीमारियों को रोका नहीं जा सकता। सिर्फ हम बचाव और परहेज से अपने हेल्थ को ठीक रख सकते हैं।
- उम्र बढ़ने के साथ बॉडी में हो रहे बदलाव पर खास नज़र रखें।
- नियमित रूप से जांच कराएं.
- अगर आपको किसी बीमारी के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से मिले।