Thursday, December 26, 2024

पीएम मोदी ने रखी केन-बेतवा परियोजना की आधारशिला, जानें इसके बड़े फायदे

भोपाल: आज 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखी।

पीएम मोदी ने कहा

मौके पर पीएम मोदी ने कहा केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने वाली है। आज मध्य प्रदेश के खजुराहो में कई विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम का हिस्सा बनकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है.

अस्सी के दशक का कार्य अब होगा पूरा

बता दें कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के माध्यम से देश में पहली नदी जोड़ो परियोजना शुरू की गई है। यह प्रोजेक्ट अस्सी के दशक में प्रस्तावित किया गया था, जो अब क्रियान्वित होने जा रहा है। इसके तहत केन नदी के अतिरिक्त पानी को बेतवा नदी तक ले जाने के लिए नहर बनाई जाएगी। सबसे पहले केन नदी के किनारे एक बांध बनाया जाएगा, जिसका नाम दौधन बांध होगा.

इस तरह पहुंचाया जाएगा पानी

इस बांध में केन नदी का पानी एकत्र कर नहर के माध्यम से बेतवा नदी तक पहुंचाया जायेगा। केन नदी देश की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक है, जो मध्य प्रदेश के कटनी जिले से शुरू होकर विंध्य पहाड़ियों के पठारी क्षेत्र से होकर बहती है और उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के चिल्ला क्षेत्र में यमुना नदी में मिल जाती है।

अटल जी की सरकार का वर्णन

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा जब देश में अटल जी की सरकार बनी, तब उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया था. लेकिन 2004 में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी, कांग्रेस ने अटल जी के सभी प्रयासों को ठंडे बस्ते में डाल दिया.

जानें इस परियोजना की विशेषता

यह नहर देश की पहली नदी जोड़ो योजना होगी। इसे केंद्र, मध्य प्रदेश और यूपी सरकार के सहयोग से पूरा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की लागत- 44 हजार 605 करोड़ रुपये. 90% खर्च केंद्र सरकार और 10% राज्य सरकार वहन करेगी. 103 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन, हजारों को रोजगार. 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का भी लक्ष्य है.

करोड़ों लोगों को मिलेगा इसका लाभ

जल शक्ति मंत्रालय के मुताबिक केन-बेतवा परियोजना से सालाना 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी. 62 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिलेगा. इसके अलावा 103 मेगावाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करने की योजना है. इस प्रोजेक्ट पर 44,605 ​​​​करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।

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