भोपाल। एमपी में संभाग राज्य सबसे अधिक ठंडा रहा। भोपाल की तुलना में उज्जैन और इंदौर संभाग में तापमान 5 डिग्री ज्यादा रहा। भोपाल में पारा 6.8 डिग्री दर्ज किया गया। शीतलहर ने इस बार लोगों की कंपकपी छुटा दी है। बढ़ती ठंड को देखते हुए सरकार की ओर से अलर्ट जारी किया है। दिसंबर और जनवरी के महीने में सर्द हवाओं से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
गाइडलाइंस फॉर प्रिपरेशन ऑफ एक्शन प्लान
इसी को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं, ताकि लोग ठंड से बचे रह सके। प्रशासन ने सावधानियों और तैयारियों के लिए कुछ खास गाइडलाइंस जारी किए है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से भी ‘नेशनल गाइडलाइंस फॉर प्रिपरेशन ऑफ एक्शन प्लान – प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑफ कोल्ड वेव एंड फ्रॉस्ट’ जारी की गई है। जिससे शीतलहर से बचाव और प्रबंधन के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाए। इन दिशा-निर्देशों के तहत सभी संबंधित विभागों और अस्पतालों को सतर्क रहने के लिए कहा है।
ठंड से बचाव के लिए नियमित जांच
एमपी के आयुक्त स्वास्थ्य तरुण राठी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्य चिकित्सा, खंड चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी अस्पतालों में ठंडी हवा से बचाव के लिए व्यवस्थाओं की नियमित जांच की जाएगी। साथ ही शीतघात और हाइपोथर्मिया से पैदा स्वास्थ्य समस्याओं को जल्दी पहचान लिया जाए और उपचार किया जाए। समुचित व्यवस्था सभी अस्पतालों में करने के निर्देश दिए है।
जारी दिशा-निर्देश
मौसम में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
जरुरत ना होने पर बाहर जाने से बचें।
ज्यादा लंबे समय तक घर के बाहर ना रहें।
हाथ पैर और गर्दन को ढ़ककर रखें।
विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाए।
आस-पड़ोस में रहने वाले बच्चों और वृद्ध का ध्यान रखें।
नाक बंद होने या बहने पर तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें।