भोपाल। एमपी की मोहन योदव सरकार ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए नई योजना की शुरुआत की है। एमपी सरकार नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनसे पैदा हुए बच्चों के पुनर्वास और कल्याण के लिए एक नई योजना शुरू होने जा रही है। सीएम डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस योजना को स्वीकृति मिली है।
बच्चों के पुनर्वास की योजना
सरकार रेप पीड़िताओं और उनसे होने वाले बच्चों को पुनर्वास और कल्याण के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना से रेप पीड़िताओं से पैदा हुए बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं, पालन पोषण, शिक्षा, पुलिस सहायता और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं दी जाएगी। इसके लिए हर जिला कलेक्टर को 10 लाख रुपए का फंड जारी किया जाएगा। साथ ही जिला कलेक्टर नाबालिग बलात्कार पीड़ितों और उनसे हुए मासूमों की पहचान करेंगे।
साधु-संत पहली प्राथमिकता
बता दें कि प्रदेश सरकार की तरफ से साधु-संतों के हित को अपनी प्राथमिकता बताते हुए स्थाई आश्रम के निर्माण की जयोजना बनाई गई है। मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव का कहना है कि उज्जैन की पहचान साधु-संतों से हैं। उज्जैन में हरिद्वार के तर्ज पर साधु-संतों, अखाड़ा प्रमुखों, महंत और महामंडलेश्वर आदि को स्थाई आश्रम निर्माण की अनुमति दी जाएगी। हर 12 साल में एक बार होने वाला सिंहस्थ कार्यक्रम का आयोजन साल 2028 में किया जाएगा।
आश्रम बनाने की योजना
साधु-संतों को उज्जैन में आने और रुकने,कथा भागवत आदि कई अन्य आयोजन के लिए पर्याप्त रुप से भूमि-भूखंड की जरुरत पड़ती है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से साधु-संतों के हित में रखते हुए आश्रम बनाने को लेकर मंजूरी दी है। साधु-संतों को प्राथमिकता मानते हुए आश्रम बनाने की योजना बनाई गई है।