भोपाल। नवरात्र और दशहरे के बाद अब कार्तिक मास का आरंभ होने जा रहा है। पंचांग के मुताबिक भगवान विष्णु के प्रिय कार्तिक मास की शुरुआत 18 अक्टूबर से होने जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कार्तिक का महीना अनुष्ठान, दान, स्नान और उपवास को समर्पित होता है।
स्नान से पापों से मुक्ति
ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इसका समापन 15 नवंबर को होगा। शास्त्रों में उल्लेख है कि कार्तिक मास में कुछ खास नियमों का पालन करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इस माह में भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
नियमों का करें पालन
इस माह में व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इनमें नियमों में शामिल हैं – नियमित पूजन, सूर्योदय से पूर्व स्नान, दीपदान, धरती पर शयन, जरूरतमंदों को दान, तुलसी पूजन, यथासंभव उपवास या साधारण भोजन। 20 अक्टूबर, रविवार: करवा चौथ, 21 अक्टूबर, सोमवार: रोहिणी व्रत, 21 अक्टूबर, सोमवार: रोहिणी व्रत, 24 अक्टूबर, बृहस्पतिवार: अहोई अष्टमी, 28 अक्टूबर, 29 अक्टूबर, मंगलवार: प्रदोष व्रत , धनतेरस, सोमवार: रमा एकादशी, 30 अक्टूबर,
कार्तिक मास के पर्व
बुधवार: काली चौदस, 30 अक्टूबर, बुधवार: काली चौदस, 30 अक्टूबर, बुधवार: काली चौदस, 30 अक्टूबर, बुधवार: काली चौदस, 31 अक्टूबर, बृहस्पतिवार: नरक चतुर्दशी , छोटी दिवाली, 01 नवंबर, शुक्रवार: अमावस्या, दिवाली, 02 नवंबर, शनिवार: गोवर्धन पूजा , अन्नकूट, 02 नवंबर, शनिवार: गोवर्धन पूजा , अन्नकूट, 03 नवंबर, रविवार: भाई दूज, 07 नवंबर, बृहस्पतिवार: छठ पूजा