भोपाल। प्रदेश के रतलाम और मंदसौर जिले के आस-पास के कई इलाकों में ड्रग्स का बड़ा कारोबार होता है। इसमे राजस्थान के प्रतापगढ़ का नाम भी शामिल है। ड्रग्स का सबसे ज्यादा कारोबार रतलाम में होता है। प्रतापगढ़ और मंदसौर जिले से ड्रग्स लाकर रतलाम के रास्ते होते हुए प्रदेश के कई इलाकों से महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और पंजाब आदि राज्यों भेजा जाता है।
कई तस्करों को किया गिरफ्तार
रतलाम पुलिस ड्रग्स के खिलाफ खास अभियान चला रही है। 2 सालों में 200 से ज्यादा ड्रग्स तस्करों तथा ड्रग परिवहन करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों से बड़ी मात्रा में अफीम स्मैक, एमडीएमए ड्रग और डोडाचूरा बरामद किया गया है। रतलाम में दो सालों में पुलिस ने इन तस्करों से 8 किलो 150 ग्राम अफीम, 4523 क्विंटल डोडाचूरा, 969 ग्राम स्मैक और 3 किलो 410 ग्राम MDMA बरामद किया है। 36 किलो 250 ग्राम गांजा तथा 196 किलो गांजे के पौधे भी बरामद किया है।
पुलिस केवल सप्लाई तक सीमित
मंदसौर पुलिस की कार्रवाई केवल सप्लाई करने वालों तक ही सीमित रहती है। जिसके चलते ड्रग्स की बड़े गिरोह का पता ही नहीं चल पाता है। यहां की राजनीति में भी तस्कर काफी भीतर तक घुसे हुए है। इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दिया जाए तो लंबे समय बाद मंदसौर जिले के बड़े तस्कर हरीश आंजना को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। रातभर चली पूछताछ में हरीश आंजना ने राजस्थान के लाला का भी नाम लिया है, जो भोपाल से एमडी लाता था और बाद में हरीश व अन्य तस्करों को सप्लाई करता था।
बड़े तस्करों को सजा नहीं
स्थानीय पुलिस को इस मामले की भनक तक नहीं थी। पुलिस ने जिले में लगभग 180 प्रसंग भी बनाए हैं। 300 आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। जिनमे से अधिकांश आरोपी सप्लायर ही थे। इनको औसत सजा 5 से 10 साल तक की होती है। अभी तक एक भी बड़े तस्कर को सजा नहीं दी गई है।