पटना। अभी अधिकतर गाड़ियां डीजल या पेट्रोल से चलती है। कुछ इलेक्ट्रिक कारों को छोड़ दें तो सड़कों पर चल रही ज्यादातर गाड़ियों को पैट्रोल और डीजल की जरुरत पड़ती है। अब डीजल और पैट्रोल जैसे प्रदुषण करने वाले ईधनों की जगह अब गाड़ियां आलू से चलेंगी।
आलू से बनेगा इथेनॉल
सभी घरों की रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्जी आलू है। आलू सब्जियों का राजा है। बता दें कि सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआई) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। जिसमें आलू से इथेनॉल बनाया जाएगा। सीपीआरआई का प्रस्ताव आलू से इथेनॉल बनाने के लिए प्रायोगिक प्लांट लगाने का है। इंस्टीट्यूट पायलट प्लांट में आलू के वेस्ट और छिलकों से इथेनॉल बनाने की अपनी तकनीक का परीक्षण करेगा।
इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू
ईटी की रिपोर्ट से संबंधित लोगों ने इस मामले की जानकारी साझा की हैं। इथेनॉल को डीजल व पेट्रोल का ग्रीन विकल्प माना जा रहा है। कई देश बड़े पैमाने पर इथेनॉल के रूप में बायोफ्यूल का उपयोग कर रहे है। भारत में भी पेट्रोल में इथेनॉल को ब्लेंड किया जा रहा है। आगामी समय में डीजल में भी इथेनॉल को ब्लेंड किया जा सकता है। सरकार ने पेट्रोल के बाद डीजल में इथेनॉल मिलाने की दिशा में चर्चा शुरू कर दी है।
दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा उत्पादक
फिलहाल भारत में इथेनॉल बनाने के लिए मुख्य रूप से गन्ने और मक्के का उपयोग किया जा रहा है। नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल्स में इस बात का जिक्र किया गया है कि इथेनॉल बनाने के लिए फीडस्टॉक के रूप में सड़े हुए आलू का उपयोग किया जाता है। यह प्रस्ताव इस लिहाज से भी बेहतर है क्योंकि भारत में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है। भारत अभी चीन के बाद आलू का उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है।