भोपाल। मध्य प्रदेश में आयुर्वेद और आयुष चिकित्सा सेवाओं को गति देने के मकसद से 5 नवीन शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय और दो नवीन आयुष चिकित्सालयों की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है।आयुष चिकित्सालय में 50 बिस्तरीय बनाया जाएगा।
आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना
इस परियोजना के तहत राज्य सरकार आयुर्वेदिक शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करने की दिशा में कार्य कर रही है। आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के के तहत मध्य प्रदेश के सागर, नर्मदापुरम, शहडोल, बालाघाट और मुरैना जिलों में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी।
आयुष चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध
इस परियोजना के लिए प्रत्येक महाविद्यालय के लिए 70 करोड़ रुपये की आवंटित किए जाएंगे। जिसके लिए कुल 350 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। इन महाविद्यालयों की स्थापना से राज्य के सभी संभागों में आयुर्वेद शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होगा। जिससे विद्यार्थियों को आयुर्वेद का अध्ययन करने के मौके मिलेंगे। नागरिकों को आयुष चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी।
गुणवत्ता की शिक्षा के साथ सेवाओं का लाभ
आयुष मंत्री के मुताबिक बालाघाट जिले में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय वनस्पतियों पर आधारित शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलगेगा। इस क्षेत्र में मौजूद औषधीय वनस्पतियों और प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों पर शोध के ज्यादा अवसर मिलेंगे। इससे न केवल छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी, बल्कि स्थानीय जनजातीय समुदायों को भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त होगा।