जयपुर। तरंशक्ति युद्धाभ्यास के दौरान स्वदेशी लाइट कॉम्बेक्ट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के पायलट खास हेलमेट एमएसए गैलेट एलए-100 पहने नजर आएंगे। ये हेलमेट लड़ाकू विमानों की विपरित परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गया हैं।
साल 2022 में दिया था ऑर्डर
वायुसेना ने साल 2022 में ऐसे हेलमेट का ऑर्डर दिया था। वर्तमान में केवल रफाल की स्क्वाड्रन ही ऐसे हेलमेट का इस्तेमाल कर रहे है। तेजस और अन्य लड़ाकू विमानों के पायलट का एमएसए गैलेट एलए-100 हेलमेट पहनना भारतीय वायुसेना के पूरी तरीके से आधुनिकीकरण की ओर संकेत देता है। ऐसे में हम आपकों बताएंगे इस हेलमेट की खासियत
ये है हेलमेट की खासियत
तेज हवा के लिए प्रतिरोधक– तेज गति से उड़ान भर रहे लड़ाकू विमान के पायलट को ऑक्सीजन की आपूर्ति और तेज हवा के विरुद्ध यह हेलमेट हवा का प्रतिरोध करता है। इस हेलमेट से पायलट आसानी से सुपरसोनिक गति से जा सकता है।
बाहर निकालना आसान– यह हेलमेट हल्का और टिकाऊ है। आपातकालीन स्थिति में कॉपिट से बाहर निकलने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। ऑक्सीजन मास्क को बेहतरीन इंजीनियरिंग से सेट किया गया है।
हेलमेट वजन में हल्का- हेलमेट की हल्की संरचना उच्चा जी फोर्स युद्धाभ्यास के दौरान ज्यादा आराम देती है। थकान को कम करने के साथ ही पायलट को ज्यादा समय तक हवा में रहने की क्षमता को बढ़ाती है।
सोलर विजन– हेलमेट में यूवी और इंफ्रारेड से बचाव के लिए सोलर विजन सिस्टम लगाया गया है। लॉ विजिबिलिटी के समय भी खास विजर दिया गया है। ताकि धूप में भी पायलट को परेशानी न हो।