भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और एमपी सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। यहां की एमपी-एमएलए अदालत ने तीन साल पहले इंदौर में हुए बल्ला कांड में भाजपा के पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय समेत 10 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया है।
धीरेंद्र और आकाश के बीच बहस
बता दें कि यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था। अब आकाश विजयवर्गीय को क्लीन चिट मिलने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि उन्हें बल्ले से मारते हुए सबने देखा था फिर उन्हें कैसे बरी कर दिया गया। दरअसल, तीन साल पहले इंदौर नगर निगम की एक टीम गंजी कंपाउंड इलाके में एक जर्जर मकान को गिराने गई थी। इस दौरान उस समय के विधायक रहे आकाश विजयवर्गीय और नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र के बीच बहस हो गई थी।
एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
मामला इतना बढ़ गया था कि आकाश विजयवर्गीय ने धीरेंद्र पर बैट से हमला कर दिया था। इस घटना का वीडियो भी उस समय तेजी से वायरल हुआ था। अदालत में यह मामला करीब 5 साल तक चला. ट्रायल के दौरान फरियादी निगम अधिकारी अपने बयान से पलट गए थे. फरियादी के यू टर्न बयान और साक्ष्यों के अभाव में एमपी एमएलए कोर्ट ने आरोपी आकाश विजयवर्गीय को बेगुनाह करार दिया। खास न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट के जज देव कुमार ने यह फैसला सुनाया है।