भोपाल। एमपी के सरकारी अस्पताल में अमान्य दवाइयों की सप्लाई हो रही थी। इस मामले का खुलासा चिकित्सक महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखी चिट्ठी से हुआ है। चिकित्सक महासंघ द्वारा लिखे गए पत्र में सीएम ने मामले की शिकायत दर्ज कराने के साथ ही आजीवन कारावास सजा की मांग की बात कही है। बता दें मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाइयों का मामला चर्चा में बना हुआ है।
बच्चों का इलाज प्रभावित
इस मामले को लेकर एमपी मेडिकल कॉरपोरेशन ने सीएम डॉ. मोहन यादव को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में शासकीय अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की शिकायत पर आईसीयू और ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली जीवन रक्षक 10 दवाओं को लैब जांच में अमानक पाए जाने पर चिंता जाहिर की है। डॉक्टर्स ने मामले को गंभीर चिंता का विषय बताया है। सीएम को लिखे पत्र में बताया कि 10 जीवन रक्षक दवाओं को अमानक पाया जाना मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। पत्र में बताया कि ओआरएस जैसे सामग्री के अमानक पाए जाने से दस्त एवं डायरिया से ग्रस्त बच्चों का इलाज प्रभावित हुआ है।
कठोर सजा दी जाएगी
हमारे डॉक्टरों ने गंभीर मरीजों के इलाज में इन दवाओं का इस्तेमाल किए जाने पर मरीजों पर कोई प्रभाव न होना पाया गया है। चिकित्सा संघ का कहना है कि इन दिनों में लगातार दवाओं के अमानक पाए जाने पर ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माता कंपनियों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां निर्मित करने का कोई नियंत्रण नहीं है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मांग करता है कि एमपी में दवा निर्माता कंपनियों शासकीय अस्पतालों में अमानक दवाइयां सप्लाई करने की स्थिति में कठोर सजा दी जाएगी।