भोपाल। भारतीय रसोईघर किसी अजूबे से कम नहीं है। यहां ऐसी-ऐसी चीजें पाई जाती हैं जिनको खाने से आपके शरीर से बीमारी दूर भाग जाती है। अब ये औषधीय गुणों वाली चीजें सब्जियां भी हो सकती हैं और मसाले भी। लेकिन इस बात का कैसे पता लगाया जाए कि कोई चीज सब्जी है या फिर मसाला? ये सवाल जितना अटपटा सा लगता है उतना है नहीं। एक ऐसी ही चीज को लेकर इस बात का विवाद हो गया और विवाद इतना बढ़ गया कि कोर्ट की दहलीज तक जा पहुंचा। प्रश्न है कि वह सब्जी है या फिर एक मसाला। बात हो रही है प्याज के जिग्री दोस्त लहसुन की।
मामला पहुंचा कोर्ट
लहसुन… सब्जी है या फिर एक मसाला। ये एक ऐसा सवाल है जिसके बारे में सोचकर अच्छे-अच्छे लोगों का दिमाग घूम जाएगा। लेकिन, इस सवाल का जवाब अब कोर्ट ने दे दिया है। एमपी हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने 9 साल पुरानी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। साल 2015 में कुछ किसान संगठनों के अनुरोध को मद्देनजर रखते हुए लहसुन को सब्जी की श्रेणी में रखा गया था। वह बात अलग थी कि कुछ ही समय में कृषि विभाग ने यह आदेश रद्द करते हुए लहसुन को फिर से मसाले की श्रेणी में रखा था।
लहसून-एक मसाला
इसके पीछे दलील दी गई कि कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम, 1972 में लहसुन को मसाला बताया गया है। इसके बाद साल 2017 में एक बार फिर से एक रिव्यू पिटीशन कोर्ट में दायर की गई। इस बार मामला सीधा हाई कोर्ट के दो जजों की बेंच के सामने आया। जनवरी 2024 में इस बेंच ने पिछले फैसले को पलट दिया यानी अब कहा गया कि लहसुन एक मसाला है।