भोपाल। एमपी की राजधानी(MP News) में लगाातार तीसरे दिन शुक्रवार को पेड़ो को बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरूआत की गई। शिवाजी नगर और तुलसी नगर में विधायको एवं मंत्रियों के निवास स्थान बनाने को लेकर 29 हजार पेड़ो को काटने से बचाने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर स्थानीय लोगों ने चलाया चिपको आंदोलन।
नूतन कॉलेज के सामने किया विरोध प्रदर्शन
राजधानी में पेड़ों को बचाने के लिए तीसरे दिन भी चिपको आंदोलन जारी रहा। तुलसी नगर व शिवाजी नगर में मंत्री व विधायकों के घर बनाने के लिए 29 हजार पेड़ों को कटने से बचाने के लिए कांग्रेस नेताओं व स्थानीय लोगों ने नूतन कॉलेज के सामने विरोध जताया।महिलाएं पेड़ों से चिपकी रहीं तो पुरुषों ने भी पेड़ों से चिपक कर रक्षासूत्र बांधे। एक सुर में कहा कि मंत्री व विधायक के बंगलों के निर्माण के लिए शहर की हरियाली खत्म नहीं करने देंगे। पहले ही स्मार्ट सिटी, मेट्रो सहित अन्य निर्माण कार्य के लिए सैकड़ों पेड़ों को काट दिया गया। अब 29 हजार पेड़ों को नहीं कटने देंगे। सरकार मंत्री व विधायकों के बंगले बनाने का प्रोजेक्ट कहीं ऐसी जगह ले जाए, जहां हरियाली न हो। स्थानीय रहवासी क्यों कलखेड़ा में बसने जाएं?
स्वयं से जंजीर की सहायता से बांध दिया गया
पर्यावरणविद् सुभाष सी पांडे का कहना है कि यदि पेड़ों को कटाने की शुरुआत हुई तो एनजीटी का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इसके लिए याचिका लगाने की भी तैयारी कर ली गई है। वहीं, वृक्ष मित्र सुनील दुबे ने कहा कि एक भी पेड़ को नहीं कटने दिया जाएगा। समाजसेवी व वृक्ष प्रेमी उमाशंकर तिवारी ने स्वयं को एक पेड़ से जंजीर से बांधकर विरोध जताया।कांग्रेस के जिला श्रमिक नेता दीपक गुप्ता ने तुलसी नगर में लगे पेड़ों पर रक्षासूत्र बांधकर विरोध जताया। इसी तरह बड़ी संख्या में महिलाएं अलग-अलग पेड़ों से चिपकी रहीं। भावुक होकर कहा कि हमारी तुलसी नगर व शिवाजी नगर से यादें जुड़ी हैं। पेड़ों को बढ़ते हुए देखा है। हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे और न ही किसी पेड़ को कटने देंगे। यदि शासन-प्रशासन ने जबदस्ती तो अपनी जान तक दे देंगे।