भोपाल। गर्मी के तापमान बढ़ने के कारण लोगों में बेहोशी, लो ब्लड प्रेशर और उल्टी- दस्त के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई ह। हीट स्ट्रोक के मरीज अस्पताल के बिस्तर के मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन 5 से 6 लोग पहुंच रहे है। इनको आईसीयू(ICU) में भर्ती किया जा रहा है। प्रतिदिन आउट पैशेंट डिपार्टमेंट(ओपीडी)में मरीज उल्टी, दस्त के साथ लू की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे है. हीट स्ट्रोक के मरीजों को दवाई के साथ इंजेक्शन लगाने के बाद खानपान में सावधानी बरतने को कहा गया है.
विशेषज्ञ बताते है
जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. नितेश मुदगल बताते हैं कि तापमान बढ़ने के कारण से लोगों में हीट स्ट्रोक के मामले ज्यादा दिखाई देते है.इससे पीड़ित लोगों को चाहिए कि वह बिना किसी देरी के जल्द से जल्द अस्पताल जाकर इमरजेंसी में भर्ती हो जाए और अपना इलाज कराए.अस्पताल की ओपीडी मे रोजाना 40 से 50 मरीज हीट स्ट्रोक की समस्या लेकर आ रहे है जिसमें से 15 से 20 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है,बाकी को दवाई देकर या इंजेक्शन लगाकर खाने में परहेज करने की सलाह देकर छुट्टी दे दी जाती है.कुछ मरीजों को तो 2 से 3 घंटे ग्लूकोज चढ़ाने के बाद छुट्टी देते हुए धूप में न निकलने की सलाह दी जाती है.
हीट स्ट्रोक के लक्षण
1.मानसिक असंतुलन और दौरा पड़ने की स्थिति होना
2.शरीर का तापमान 104 डिग्री या उससे ज्यादा होना
3.सिर में तेज दर्द शिकायत
4.बातचीत में अस्पष्टता
- चक्कर या बेहोशी का अहसास होना
- त्वचा पर चकत्ते से आना
- दिल की धड़कन तेज होना
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हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय
1.दोपहर 12 से 3 बजे के बीच तक धूप में न निकले
2.पानी हमेशा अपने पास रखे, नींबू पानी हीट स्ट्रोक में बेहतर काम करता है
3.यदि किसी व्यक्ति को बुखार है तो उसे बुखार की दवा न दे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाए
4.गर्मी के मौसम में हमेशा ढीले, सूती और हल्के रंग के कपड़े पहने
5.सिर पर टोपी, कपड़े , छाता से ढक्कर रखे क्योकि धूप हमेशा सिर पर ज्यादा लगती है
6.बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की दवाई न ले