भोपाल: पिछले कई दिनों से सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ी हुई है। बात है Inheritance Tax की। आखिर ये विरासत टैक्स क्या हैं। जिसको लेकर प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के लिए दिए गए भाषण में इस विरासत टैक्स का जिक्र किया। जिसके बाद से देश में बहस छिड़ी हुई है। बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है। पिछले दिन सेम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर दिए गए बयान के बाद देश भर में सियासत का पारा बढ़ा हुआ है। तो चलिए ऐसे में बताते है क्या है पूरा माजरा।
Inheritance Tax को लेकर PM मोदी ने क्या बोला ?
पिछले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए जनसभा को संबोधित करते हुए विरासत टैक्स का जिक्र किया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यह टैक्स देश में पहले से था लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी मां (इंदिरा गांधी) की संपत्ति उन्हें मिल जाए इसलिए उन्होंने Inheritance Tax को हटा दिया था, अब कांग्रेस ने एक बार फिर इसका जवाब दिया है ।
शिवराज सिंह ने Inheritance Tax का किया खुलासा
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के हमला करने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुए हैं। PM मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस ने इसकी अपने तरीके से सफाई दी। लेकिन इसको देखते हुए एमपी के पूर्व CM चौहान एक बार फिर सामने आए हैं और उन्होंने भी कांग्रेस पार्टी से इस विरासत टैक्स को लेकर सवाल किए हैं। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि यह Inheritance Tax पहले था जब इंदिरा गांधी जी नहीं रही थी, तब राजीव गांधी ने इसे इसलिए हटाया था कि मां की संपत्ति उन्हें मिल जाए, लेकिन कांग्रेस को देश के सामने स्पष्ट करना पड़ेगा कि उसके इरादे क्या हैं?
सोशल मीडिया पर छिड़ी विरासत टैक्स को लेकर जंग
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और शिवराज सिंह चौहान के बयानों के बाद कांग्रेस के राज्यसभा मेंबर विवेक तन्खा ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि बीजेपी में अब पीएम मोदी के खिलाफ सच बोलने का साहस तो किसी को हुआ। दो दिन पहले मोदी जी कह रहे थे कि विरासत टैक्स राजीव गांधी जी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए लगाया था। आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया कि यह टैक्स जनता के दबाव के चलते कांग्रेस सरकार ने हटाया था। देश जानता है कि कांग्रेस हमेशा जनहितैषी निर्णय लेती रही है। धन्यवाद शिवराज जी, आपको सच बोलने के लिए। मेरे पिता की मृत्यु 1978 में हुई थी। तब एस्टेट ड्यूटी टैक्स लागू था। पूरे देश में उसका विरोध था। कांग्रेस और राजीव जी की सरकार ने इसका अंत किया
विरासत टैक्स क्या है?
अमेरिका में ऐसे दो तरह के टैक्स हैं – एस्टेट टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स. हिंदी में, संपत्ति कर और विरासत कर. कहा गया है कि ये दोनों टैक्स का कई जगहों पर ग़लत उपयोग किया जाता है, क्योंकि दोनों ही मृतकों और उनकी संपत्ति से जुड़ा हुआ हैं. हालांकि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं। बता दें कि यह टैक्स जिसे संपत्ति मिलती है, उस पर लगाए जाते हैं. यह तभी लागू होता है, जब उस व्यक्ति की डेथ हो जाती है.