Saturday, September 28, 2024

नौकरी के बदले अधिकारी ने छात्रा से की घिनौनी डिंमाड, सीएम यादव ने लिया ये एक्शन

भोपाल। महिला सशक्तिकरण के लाख दावे और समान अवसर की बात हर जगह कही जाती है, लेकिन ऐसा हो पाना मुश्किल ही नजर आता है। एक ऐसा ही मामला ग्वालियर से सामने आया है जहां नौकरी दिलाने के बदले में इंटरव्यू के पैनल में शामिल एक अधिकारी ने इंटरव्यू देने वाली एक छात्रा को शर्मसार कर दिया। छात्रा ने इस बात की शिकायत पुलिस में भी दर्ज कराई। पूरे मामले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्शन लिया है।

नौकरी देने के बदले मांगी इज्जत

बता दें, बीज विकास निगम में संविदा भर्ती के लिए भर्ती निकाली गई थी. इसके लिए ग्वालियर की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में 3 जनवरी को इंटरव्यू भी आयोजित किया गया था। इंटरव्यू लेने वाले पैनल में बीज विकास निगम का प्रोडक्शन असिस्टेंट संजीव कुमार भी शामिल था। इंटरव्यू देने के लिए कई उम्मीदवार पहुंचे थे. इन्हीं में से एक स्टूडेंट को इंटरव्यू के तुरंत बाद संजीव कुमार ने फोन किया। छात्रा से उसके घर-परिवार के बारे में जानकारी ली गई और इसके बाद लड़की से यह डिमांड रखी गई कि उसका सिलेक्शन इस नौकरी के लिए हो सकता है, लेकिन इसके लिए उसे कीमत चुकानी पडेगी। कुछ देर बाद छात्रा के व्हाट्सएप पर यह डिमांड आ गई कि उसे एक रात उसके साथ बितानी होगी, अपनी इज्जत देनी होगी, इसके बदले उसे नौकरी हासिल हो जाएगी।

ऐसे हुआ खुलासा

प्रक्षेत्र उत्पादन अधिकारी का घिनौना मैसेज पढ़कर छात्रा परेशान हो उठी। उसने मैसेज तो डिलीट कर दिया, लेकिन मैसेज डिलीट करने से पहले उसका स्क्रीनशॉट ले रखा था। छात्रा ने जब अपनी उन साथी छात्राओं से बातचीत की, जिन्होंने इंटरव्यू दिया था तो मालूम हुआ कि 2 अन्य छात्राओं के पास भी संजीव कुमार द्वारा मैसेज भेजकर इसी तरह की डिमांड की गई थी। इसके बाद पीड़ित छात्रा ने इस बात की शिकायत ग्वालियर क्राइम ब्रांच से की । ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने जिस मोबाइल नंबर से कॉल और मैसेज आया था, उस नंबर की जांच-पड़ताल की तो ज्ञात हुआ कि यह मोबाइल नंबर संजीव कुमार नाम के युवक का है।

युवक हुआ गिरफ्तार

ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने धारा 354 ए के तहत FIR दर्ज की और इसके बाद संजीव कुमार को गिरफ्तार लिया है। मामला नोटिसेबल था, इसलिए नोटिस देकर संजीव कुमार को छोड़ भी दिया गया, पुलिस आपराधिक मामले खंगाल रही है।

मुख्यमंत्री यादव ने लिया एक्शन


मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री यादव ने इसे घोर निंदनीय और अमर्यादित बताते हुए आरोपी अधिकारी की सेवा समाप्त कर दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा हीन कार्य करने वाले किसी भी शख्स को शासकीय सेवा में रहने का कोई हक नहीं है।

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