भोपाल। एमपी में सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। कई नए चेहरों तो कई पुराने चेहरों को जगह मिली है। सागर जिले की रहली विधानसभा से लगातार 9 बार जीत हासिल कर रहे गोपाल भार्गव को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने पर गोपाल भार्गव का दर्द दिखाई दिया।
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गोपाल भार्गव ने लिखा, राजनीतिक दलों के अपने-अपने फॉर्मूले हैं, सामाजिक क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं। उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रुचि नहीं है इसलिए मैं मौन हूं। खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज को आगे ले जाने के लिए कार्य करूंगा। नवनियुक्त मंत्रीगणों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं।
पद आते जाते रहते है, जन विश्वास स्थायी है
गोपाल भार्गव ने आगे कहा, प्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे सवाल कर रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है। मैंने उनसे कहा कि 40 सालो के लंबे राजनीतिक जीवन में पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी उसको समर्पित भाव से पूर्ण किया और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं। इसलिए आज मंत्री परिषद के गठन में पार्टी की ओर से लिए गए फैसले का मैं स्वागत करता हू। पद तो आते-जाते रहते हैं। पद अस्थाई हैं पर जन विश्वास स्थायी है। नौ बार जनता ने मुझे विधायक बनाया जो देश भर में अपवाद और दुर्लभ है। 73000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत, जनता का मेरे ऊपर कर्ज है। क्षेत्र की जनता की सेवा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा।
9 बार से जीत रहे गोपाल भार्गव
एमपी विधानसभा चुनाव में सागर की रहली विधानसभा सीट पर कई रिकॉर्ड बने। रहली विधानसभा सीट से गोपाल भार्गव सबसे ज्यादा नौ बार चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। गोपाल भार्गव लगातार वर्ष 1984 से जीतते आ रहे हैं। वह प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक रहे। वहीं 15वीं विधानसभा में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सरकार में उन्हें सबसे पहली बार मंत्री बनाया गया। 16वीं विधानसभा (2023)में गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। गोपाल भार्गव लगातार 16 साल यानी 2003, 2008, 2013, और 2020 और 2023 तक लगातार मंत्री रहे। गोपाल भार्गव के पास बड़े विभागों की जिम्मेदारी रही। वह कृषि, पंचायत ग्रामीण विकास के साथ-साथ PWD विभाग का जिम्मा संभालते रहे।