भोपाल. जबलपुर के एक आदिवासी छात्रावास में अचानक 100 बच्चों की तबियत बिगड़ गई. मामले की जानकारी लगते ही हॉस्टल में हड़कंप मच गया. शाम को खाना खाने के बाद तकरीबन 100 बच्चे अचानक उल्टियां करने लगे. इसके बाद आनन-फानन में सभी बच्चों को तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया और शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करना शुरू किया गया. इस मामले में अभिभावकों ने कई आरोप लगाए हैं.
अभिभावकों ने लगाए आरोप
दरअसल जबलपुर की मांडवा बस्ती में स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास के 100 बच्चों की तबियत बिगड़ने का मामला सामने आया. डॉक्टर इसे फूड पॉइजनिंग बता रहे हैं. अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रावास में अक्सर बच्चों को खराब खाना ही दिया जाता है, जिसकी शिकायत पहले भी की जा चुकी है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया. नतीजा यह हुआ कि आज कई बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई.
छात्रावास में हैं करीब 460 बच्चे
जानकारी के अनुसार एकलव्य आदिवासी छात्रावास में करीब 460 बच्चे रहते हैं. पहली शिफ्ट में पांचवी से लेकर आठवीं तक के बच्चों को खाना खिलाया जाता है. आज भी तकरीबन 120 बच्चों ने एक साथ खाना खाया. खाने में बच्चों को दाल-चावल, कटहल की सब्जी और रोटियां दी गईं. लेकिन खाना खाते ही कुछ बच्चों ने उल्टियां शुरू कर दी और पेट दर्द की शिकायत की. जिसके बाद छात्रावास के स्टाफ ने तत्काल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया. कुछ निजी अस्पतालों ने बच्चों को सरकारी अस्पतालों के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद सभी बच्चों को जबलपुर के जिला विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती किया गया है.
डॉक्टर ने बताया फूड पॉइजनिंग
अस्पताल में डॉक्टर इसे फूड पॉइजनिंग बता रहे हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि सभी बच्चों की हालत बेहतर है. बच्चों को फूड प्वाइजनिंग ही हुई है. बच्चों का इलाज जारी है. कुछ बच्चों को मेडिकल अस्पताल भी रेफर किया जा रहा है. स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि छात्रावास से खाने का सैंपल ले लिया गया है और उसकी जांच खाद्य विभाग से कराई जाएगी.