Thursday, November 21, 2024

MP Politics: एमपी की चाचौड़ा विधानसभा सीट क्यों है खास? जानिए इसका इतिहास

भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले चाचौड़ा सीट इन दिनों प्रदेश भर में चर्चा बटोर रही है. चाचौड़ा सीट एक ऐसी विधानसभा है, जिसका इतिहास काफी पुराना है. यही वो विधानसभा सीट है जिससे 1993 में उपचुनाव लड़कर दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की कमान संभाली थी. दिग्विजय सिंह के लिए तत्कालीन कांग्रेस विधायक शिवनारायण मीना ने सीट खाली की थी. शिवनारायण मीना एकमात्र नेता हैं, जो चाचौड़ा सीट से 4 बार विधायक चुने गए थे. वर्ष 1998, 2003, 2008 के चुनाव में शिवनारायण मीना ने जीत की हैट्रिक भी लगाई थी. अब ये सीट दिग्विजय सिंह के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय बन गई है, क्योंकि यहां से राजपरिवार के सदस्य कभी चुनाव नहीं हारे.

चाचौड़ा से बीजेपी की प्रियंका प्रत्याशी

बीजेपी ने प्रियंका मीना को टिकट देकर पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है. प्रियंका मीना को टिकट मिलने से नाराज ममता मीना के बगावती तेवर बीजेपी के लिए सिरदर्द बना हुआ है. यदि ममता मीना पार्टी से बगावत कर के निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं. बीजेपी को नुकसान होना तय है. राजनीतिक जानकारों का मानना है, “यदि ममता मीना निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं, तो मीना वोटबैंक बंट जाएगा जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलेगा.”

चाचौड़ा सीट को जीतना बीजेपी के लिए कठिन

वहीं चाचौड़ा सीट पर डैमेज कंट्रोल करने के लिए फिलहाल बीजेपी की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है, चाचौड़ा विधानसभा प्रभारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बनाया गया है. यदि नरेंद्र सिंह तोमर चाचौड़ा सीट को बीजेपी की झोली में डालते हैं, तो उनका कद भी बढ़ेगा. हालांकि इस सीट को जीतना पार्टी के लिए उतना आसान भी नहीं होगा. फिलहाल कांग्रेस ने चाचौड़ा सीट से अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस एक बार दोबारा लक्ष्मण सिंह पर दांव लगा सकती है. बीजेपी की रणनीति काफी हद तक कांग्रेस के टिकट पर भी टिकी हुई है.

ये है चाचौड़ा सीट का इतिहास

चाचौड़ा विधानसभा सीट में 2 लाख 24 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. इस सीट पर मीना समाज का दबदबा माना जाता है. इस समाज का वोट बैंक लगभग 65 हजार से भी अधिक है. वहीं अनुसूचित जाति के लगभग 30 हजार मतदाता हैं. इसके अलावा आदिवासी, लोधा, गुर्जर, कुशवाह, ब्राह्मण चुनाव को रोचक बनाते हैं. चाचौड़ा सीट से 1951 से लेकर अब तक 16 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. वर्ष 1967 में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के दादा सागर सिंह सिसोदिया भी स्वतंत्र पार्टी से विधायक रह चुके हैं. चाचौडा सीट से 9 बार कांग्रेस और 6 बार निर्दलीय विधायक चुने गए हैं.

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