Thursday, November 21, 2024

MP News: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया हलफनामा, कुनो में चीतों के मौत की बताई वजह

भोपाल. मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीतों की मौतों को लेकर लगातार तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. अब इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय और नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इस एफिडेबिट में कूनो में हो रही चीतों की मौत की साइंटिफिक वजह बताई गई है.

मौत की वजह प्राकृतिक

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि चीतों की मौत की वजह प्राकृतिक है. इनमें से किसी भी चीतों की मौत अप्राकृतिक वजहों से नहीं हुई है. हलफनामे में ये भी हवाला दिया गया कि किसी चीते की मौत शिकार, जहर, करंट लगने या सड़क पर किसी हादसे की वजह से नहीं हुई है. कूनो में किसी भी अनुपयुक्त कारणों की वजह से चीतों की मौत नहीं हुई है. वहीं चीतों की मौत को लेकर एक बड़ा साइंटिफिक कारण भी बताया गया है.

साइंटिफिक कारण भी है मौत की वजह

कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में बताया गया है कि सामान्य साइंटिफिक अवेयरनेस यह कहता है कि इकोसिस्टम का अभिन्न हिस्सा कहे जाने वाले चीतों, खासकर एडल्ट चीतों में 50 प्रतिशत चीतों का सर्वाइवल रेट काफी कम है. NTCA ने अदालत को बताया कि 15 एडल्ट चीते और भारत में जन्मा एक शावक अभी भी वहां रह रहा है.

प्रोजेक्ट चीता पर चल रहा काम

कोर्ट में दाखिल हलफनामे में मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट से कहा गया है कि कूनो में रह रहे चीतों पर ध्यान रखा जा रहा है और एहतिहात के तौर पर उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है. हलफनामे में कहा गया है कि पांच एडल्ट चीतों और तीन शावकों की कूनो नेशनल पार्क में मौत परेशान करने वाला है, लेकिन यह ज्यादा अनावश्यक रूप से चिंताजनक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी दी गई है कि वाइल्डलाइफ, वन, सोशल साइंस, इकोलॉजी, पशु विज्ञान और अन्य विभागों की एक स्टेयरिंग कमेटी प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही है और इसे मॉनिटर भी कर रही है.

Ad Image
Latest news
Related news