Thursday, November 21, 2024

MP News: पटवारी घोटाले की खुल गई पोल ! जिलों के नाम और राजधानी तक नहीं बता पाई MP टॉपर

भोपाल. मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों के बाद पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. कांग्रेस इसमें धांधली के आरोप लगाकर लगातार शिवराज सरकार पर हमलावर है. वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस परीक्षा के आधार पर होने वाली पटवारियों की नई नियुक्तियों पर हंगामे के बाद तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इसके बाद भी हंगामा कम नहीं हुआ, एक पक्ष परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहा है तो दूसरा पटवारियों की नियुक्ति.

मीडिया ने की बातचीत

पटवारी परीक्षा का रिजल्ट आया तो टॉप-10 में शामिल 7 स्टूडेंट्स ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट से निकले हैं, इसके बाद से ही परीक्षा परिणामों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मीडिया ने एनआरआई कॉलेज से परीक्षा देने वाली पूनम राजावत से पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े को लेकर बातचीत की है. बता दें कि अब पूनम राजावत की आंसर सीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

सिंपल सवाल का नही दे पाई जवाब

इस बातचीत में जब सामान्य ज्ञान के बहुत ही सरल सवाल पूछे जाते हैं तो वह इसका उत्तर नहीं दे पाती हैं. पूनम से एक सिंपल सवाल पूछा गया, जैसे मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम संभाग में कौन सा जिला आता है, चार ऑप्शन हैं. कटनी, रायसेन, हरदा और सीहोर. सवाल का जवाब है हरदा, लेकिन टॉपर पूनम इस सिंपल सवाल का जवाब नहीं दे पाती हैं और जब उनसे पूछा जाता है कि मध्य प्रदेश में कितने जिले हैं, तो पूनम इसका भी जवाब नहीं दे पाती हैं और रिपोर्टर को रुकने के लिए कहती हैं.

पटवारी परीक्षा के सब्जेक्ट बताने पर अटकी

वहीं पटवारी परीक्षा में कितने सब्जेक्ट होते हैं. इस सवाल पर भी पूनम कई बार अटकती हैं और फिर भी सात ही विषयों के नाम बता पाईं. ऐसे ही जब उनसे आगे पूछा गया कि मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है, इस पर पूनम राजावत का जवाब है- दिल्ली. इसके बाद उन्हें बताया जाता है- भोपाल. इसके बाद वह चुप हो जाती हैं. फिर वह अपनी जानकारी को सही करती हैं.

टॉपर पूनम- परीक्षा निरस्त नहीं होनी चाहिए

पटवारी परीक्षा की टॉपर पूनम राजावत ने कहा कि फर्जीवाड़ा की खबरें आनी शुरू हुईं और सोशल मीडिया पर चला कि पैसे देकर कराया है. लेकिन ऊंगली उठाने से पहले लोगों को मामले की तह तक जाना चाहिए. पूनम ने बताया कि आरोपों के बाद मैं बहुत डिप्रेशन में हूं. लोगों का कहना है कि पैसे से कराया है, मैंने इतनी मेहनत की और पटवारी की परीक्षा दी. इसके बाद भी लोग आरोप लगा रहे हैं. पटवारी परीक्षा निरस्त नहीं होनी चाहिए. आखिर हमने कड़ी मेहनत से तैयारी की और परीक्षा दी है. हालांकि सवाल तो खड़े होते हैं कि टॉपर बेसिक सवालों का जवाब नही दे पाई, तो उसने पटवारी परीक्षा में टॉप कैसे कर लिया?

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