भोपाल। मध्य प्रदेश साइबर पुलिस की तफ्तीश में फर्जी तरीके से जारी हुए मोबाइल नंबरों का हैरान करने वाला आंकड़ा सामने आया है. प्रदेश में 3 लाख से अधिक सिम कार्ड फर्जी तरीके से जारी हुए हैं. जालसाज एक ही व्यक्ति के नाम और फोटो पर सिम कार्ड जारी कर देते हैं. वहीं एक व्यक्ति के नाम पर 2 हजार से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड जारी करने का खुलासा हुआ है. गौरतलब है कि इनका उपयोग अक्सर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है. इस पर पुलिस ने सिम कार्ड जारी करने वाले 50 पीओएस/ एजेंटों को जांच के लिए समन जारी किया है.
करीब 3 लाख फर्जी मोबाइल नंबरों पर कसा शिकंजा
मध्यप्रदेश में साइबर सेल ने प्रदेश के लगभग तीन लाख फर्जी मोबाइल नंबरों पर शिकंजा कसा है. साइबर सेल के मुताबिक प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बहुत बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी होने की सूचना मिली थी. मामले की पड़ताल में सामने आया कि कुछ चुनिंदा लोगों के नाम पर हजारों की संख्या में सिम कार्ड जारी किए गए हैं. इससे साइबर अपराध की संभावनाओं को देखते हुए साइबर और उच्च तकनीकी अपराध थाना भोपाल को मामले की जांच सौंपी गई है.
एक ही व्यक्ति के नाम पर दो हजार से ज्यादा सिम कार्ड
मामले की पड़ताल में सामने आया कि एक ही व्यक्ति के नाम और फोटो पर दो हजार से ज्यादा सिम कार्ड जारी किए गए हैं. सिम कार्ड जारी करने वाले लगभग 50 पीओएस संचालकों/ एजेंट को पुलिस ने जांच के लिए समन जारी किया है. दरअसल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करने को लेकर भोपाल साइबर सेल को सूचना मिली थी. अपराधों को अंजाम देने के लिए यह फर्जीवाड़ा संगठित तरीके से किया जा रहा है. इन फर्जी नंबरों का इस्तेमाल साइबर अपराध में किए जाने की संभावना है. यही वजह है कि पुलिस ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण ने दी जानकारी
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी बड़े क्राइम में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है. सबसे ज्यादा साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए अपराधी फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करते हैं. पड़ोसी राज्यों से इनकी बड़ी मात्रा में खेप आती है, ऐसे में पुलिस ने एक गेम को आईडेंटिफाई किया है और इस पर कार्रवाई की जा रही है. फर्जी सिम का इस्तेमाल करना गैर कानूनी है. इस मामले पर पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है.