भोपाल। छत्तीसगढ़ में बीजेपी छोड़ने के एक दिन बाद वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय सोमवार को राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में शामिल हो गए। साय का यह कदम छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्ष दल भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस में शामिल होने के दौरान साय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का जो स्वरूप था आज वह बचा नहीं है। साय का राज्य के उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में आदिवासी बहुल हिस्सों में काफी प्रभाव है।
नंद कुमार साय इस्तीफे में लगाया यह आरोप
वहीं बात करें नंद कुमार साय के इस्तीफे की तो इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ही झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने खुद के खिलाफ साजिश रचने और अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. अपने इस्तीफे में साय ने कहा कि ‘मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाया. इसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं।”
कौन है नंद कुमार साय?
छत्तीसगढ़ की सियासत का बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाने वाले नंद कुमार साय तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं. नंद कुमार साय साल 1977 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश की विधानसभा के लिए चुने गए थे. वे मध्य प्रदेश के विभाजन और छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से पहले तीन बार विधायक रहे. बता दें कि अविभाजित मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके नंद कुमार साय तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री बने, तो बीजेपी ने नंद कुमार को विधानसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी दे दी थी.