भोपाल। मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में कांग्रेस सत्ता में वापस लौटने के लिए तैयारी कर रही है. कांग्रेस पार्टी का इस समय प्रदेश की हारी हुई सीटों पर पूरा फोकस है. दिग्विजय सिंह हारी हुई 66 सीटों पर बैठकें कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में लगे हुए हैं तो वहीं कमलनाथ इन सीटों पर बड़ी सभाएं कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। आज लेबर डे के मौके पर कांग्रेस भोपाल में अपनी ताकत का प्रदर्शन दिखाएगी। श्रमिक दिवस पर आज भोपाल की गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के पिपलानी स्थित मैदान पर कमलनाथ की बड़ी सभा होगी। इस सभा में बड़ी संख्या में श्रमिक मौजूद रहेंगे।
गोविन्दपुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा
भोपाल जिले की सात विधानसभाओं में से तीन सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। लेकिन गोविन्दपुरा ऐसी सीट है जहां 50 सालों से बीजेपी का कब्जा है। 1972 में मोहनलाल अस्थाना यहां से कांग्रेस के विधायक बने थे। अस्थाना के बाद 1977 में लक्ष्मीनारायण शर्मा जनता पार्टी से विधायक बने। उसके बाद 1980 में पहली बार बाबूलाल गौर विधायक बने। गोविन्दपुरा से बाबूलाल गौर लगातार 8 बार विधायक रहे। 2018 में गौर की बहू कृष्णा गौर यहां से विधायक चुनी गईं।
बाबूलाल गौर की मृत्यु के बाद घटा जीत का अंतर
गोविन्दपुरा विधानसभा 5 दशक से भले ही बीजेपी के कब्जे में रही हो, लेकिन बाबूलाल गौर के निधन के बाद इस सीट पर जीत का अंतर घटा है। 2013 के चुनाव में बाबूलाल गौर ने कांग्रेस के गोविन्द गोयल को 70,644 वोटों से हराया था। लेकिन 2018 के चुनाव में जब कृष्णा गौर चुनाव लड़ी तो जीत का अंतर काफी कम हो गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में कृष्णा गौर ने कांग्रेस के गिरीश शर्मा को 46,359 वोटों से चुनाव हराया। जीत के इस घटते अंतर और गोविन्दपुरा में बदली हुई परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस को इस सीट को लेकर बहुत उम्मीदे हैं।
लेबर वर्ग के बीच पकड़ बनाने की तैयारी !
बता दें कि भोपाल में गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही भेल जैसा बड़ा कारखाना है। इस क्षेत्र में श्रमिकों की बड़ी आबादी रहती है। यहां से बीजेपी नेता स्वर्गीय बाबूलाल गौर को श्रमिक वर्ग का समर्थन मिलता रहा है। अब कांग्रेस श्रमिक दिवस के बहाने लेबर वर्ग में पैठ बनाने की कवायद में जुटी है।