Thursday, November 21, 2024

MP News: कांग्रेस का शिवराज सरकार के खिलाफ आरोप पत्र, जल्द होगा जारी

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस, शिवराज सरकार के विरूद्ध आरोप पत्र लाएगी। PCC अध्यक्ष कमलनाथ ने 3 कैटेगरी में इसे तैयार कराया है। इसे प्रिंट कराकर कांग्रेस जल्द ही जिला स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है। बुक, पैंपलेट और पोस्टर्स के माध्यम से इसे जनता तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है।

पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने क्या कहा?

आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बताया कि कांग्रेस ने आरोप पत्र को 3 कैटेगरी में बांटा है। पहला भाग फाइनेंशियल भ्रष्टाचार यानी आर्थिक रूप से किए गए घोटाले का है। दूसरे पार्ट में कुशासन को लेकर पॉइंट्स सम्मिलित किए गए हैं। तीसरा पार्ट कुप्रबंधन का है। तीनों कैटेगरी में 388 पॉइंट्स शामिल किए गए हैं। आरोप पत्र में पंचायत से लेकर मंत्रालय तक में हुई गड़बड़ियां और घोटाले शामिल हैं।

पूर्व सीएम कमलनाथ के बंगले पर हुई थी बैठक

आपको बता दें कि इन तीनों कैटेगरी के अनुसार आरोप पत्र में मुद्दों को शामिल किया गया हैं। लगभग 6 महीने की एक्सरसाइज के बाद पिछले हफ्ते कमलनाथ के बंगले पर हुई बैठक में इसे अंतिम रूप दे दिया गया है। भाजपा सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में की गई गड़बड़ियों, घोटालों, अनियमितताओं के मामलों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच आरोप पत्र की बुक बनाकर जल्द ही पेश करने वाली है। एक महीने में ये किताब प्रिंट कर दी जाएगी। कांग्रेस के कार्यकर्ता इसे जन-जन तक पहुंचाएंगे।

आरोप शामिल है ये मुद्दें

1.) आर्थिक घोटाला: इसमें 168 पॉइंट्स शामिल किए गए हैं। पोषण आहार, मध्याह्न भोजन, टोल रोड, अवैध खनन, सीवरेज, स्मार्ट सिटी, छात्रवृत्ति, LED लाइट, व्यापमं, नर्सिंग कॉलेज, डिमेट, निजी मेडिकल कॉलेज में फीस वृद्धि, आवास योजना-शहरी और ग्रामीण, मनरेगा, कन्यादान, आबकारी, कर अपवंचन, कोरोना में निजी चिकित्सालय को भुगतान, राशन, सर्व शिक्षा अभियान, ई टेंडर, आयुष्मान, माध्यम, आरजीपीवी, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय आदि इसमें शामिल हैं।

2). कुशासन: इसमें 124 पॉइंट्स शामिल हैं। महिला बलात्कार, किशोर – बालिका बलात्कार, शिशु मृत्युदर, गर्भवती महिला मृत्युदर, इंजीनियरिंग शिक्षा का गिरता स्तर, प्राथमिक शिक्षा में प्रतिवर्ष 4 से 5 लाख नामांकन कम होना, बेरोजगारी, महंगाई, अनुसूचित जाति जनजाति पर बढ़ते अपराध, सड़क हादसों में वृद्धि, खेतिहर मजदूर को देश में न्यूनतम मजदूरी, दिहाड़ी मजदूरों में आत्महत्या, महिला अपहरण, प्रति व्यक्ति आय, कुपोषण, न्यायालयीन सक्सेस रेट आदि पॉइंट्स इसमें रखे गए हैं।

3). कुप्रबंधन: इसमें 96 पॉइंट्स हैं। बढ़ता कर्ज, बजट प्रावधान और वास्तविक व्यय में जमीन आसमान का अंतर, अनुसूचित जाति तथा जनजाति उपयोजना की राशि का सही उपयोग ना होना, थानों में समय पर FIR ना करना, जेलों में संख्या से दोगुना कैदी, निजी विद्यालयों में भारी फीस, PSC की नियुक्ति 2019 से न होना, व्यापमं की भारी फीस, निजी चिकित्सालय में भारी शुल्क, गरीबी रेखा के कूपन न बनाना, वनाधिकार के पट्टे न देना, सालों से निर्वासित गरीबों को पट्टे न देना, नदियों का पानी प्रदूषित होना, प्रदेश में कई शहरों में जहरीला कचरा, भूमिगत जल का स्तर खतरनाक घटना, 57% जनता को शुद्ध पेयजल न मिलना, शासकीय विद्यालयों का निम्नतम स्तर आदि।

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