Sunday, November 3, 2024

मध्य प्रदेश: खराब गेहूं को प्रति क्विंटल 5-10 रूपए कम पर खरीदेगी सरकार, हकीकत कुछ और…

भोपाल। मार्च महीने में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने मध्य प्रदेश में किसानों के 10 लाख टन से ज्यादा गेहूं की चमक को उड़ा दिया है। इस आंकड़े में और बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि खरीद केंद्रों पर अभी गेहूं पहुंचना शुरू हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि 10 प्रतिशत तक दागी गेहूं को समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल पर सरकार खरीदेगी। अगर गेहूं 80 प्रतिशत तक खराब हो गया है तो उसे प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य से 5-10 रूपए कम पर खरीदा जाएगा।

सरकार का अनुमान- 15 से 20 फीसदी फसल को हुआ नुकसान

राज्य सरकार ने इन सभी दिक्कतों का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था, जहां से स्वीकृति मिल चुकी है। स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पाेरेशन के एमडी तरुण पिथोड़े ने जानकारी देते हुए कहा कि चमक विहीन गेहूं लेते समय प्रावधान है कि प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की एक प्रतिशत राशि काटी जाती है, लेकिन इस बार एक प्रतिशत का एक चौथाई पैसा ही काटा जाएगा। सरकार ने अनुमान लगाया है कि प्रदेश में कई बार हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से 15 से 20 फीसदी फसल को नुकसान पहुंचा है।

भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष ने क्या कहा?

भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख राहुल धूत के अनुसार पहले हुई बारिश और ओलावृष्टि में 10-12 प्रतिशत तक गेहूं की फसल नष्ट हुई, लेकिन अब तक उसका सर्वे भी नहीं हुआ। इसी कारण 16 प्रतिशत तक नमी वाली और 10 प्रतिशत कम चमक वाली फसल ही ली जा रही है। मंडियों में गेहूं के 1700-1800 रुपए क्विंटल ही कीमत मिल रही हैं। आगे उन्होंने कहा कि बेहतर है, सर्वे सरकार की बजाय थर्ड पार्टी द्वारा किया जाए। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि सरकार द्वारा कुछ भी आदेश दिया जाए, खरीद केंद्रों पर कोई भी स्पष्ट मानक नहीं हैं।

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