भोपाल। प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में ‘2014 के पहले और उसके बाद भारत की प्रगति’ जैसे विषयों पर युवा नीति के तहत भाषण दिए जाएंगे। छात्रों द्वारा पिछले आठ साल की प्रगति पर विचार रखा जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। प्रोग्राम का आयोजन अप्रैल में ही करने को कहा गया है। अच्छा भाषण देने वालों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। लेकिन इस आयोजन को लेकर अब विवाद बन गया है।
कांग्रेस ने आयोजन को बताया बेतुका
यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के पदाधिकारियों द्वारा इस तरह के आयोजन को बेतुका बताया गया है। यूथ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी विवेक त्रिपाठी ने बताया कि यह सोचने योग्य बात है कि 2014 के पहले और बाद में ही प्रगति को क्यों पैमाना बनाया जा रहा है। यह 2000 में भी बनाया जा सकता था। अगर 2030 में 2023 की तुलना की जाए तो जाहिर सी बात है कि इतने साल गुजरने के बाद कुछ न कुछ डेवलप तो होगा ही? उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने कहा कि फिलहाल इस पर कोई कमेंट करना ठीक नहीं है।
भाषण के अलावा होंगे ये कार्यक्रम
आपको बता दें कि भाषण के अलावा कॉलेजों में भारत की ज्ञान परंपरा की दृष्टि से गीता, रामायण और महाभारत पर भी कार्यक्रम होंगे। यह आयोजन विश्व रिकॉर्ड दर्ज कराने के हिसाब से होगा। इसमें अलग-अलग प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। प्राइवेट कॉलेज भी इस प्रोग्राम का हिस्सा होंगे।