भोपाल। राजधानी भोपाल में शहीद हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में अखंड भारत की मांग उठाई गई। सम्मेलन में पाकिस्तान के सिंध प्रांत को भारत में मिलाने की मांग उठाई गई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने इस मांग को बल दिया। संघ प्रमुख ने बताया कि समझदार को इशारा काफी होता है, आगे बढ़ो।
विश्व सिंधी सेवा संघ नेपाल के अध्यक्ष राजकुमार सिंधी ने क्या कहा
विश्व सिंधी सेवा संघ नेपाल के अध्यक्ष राजकुमार सिंधी ने कहा कि अभी की राजनैतिक शक्ति में मजबूती है. इस समय हिन्दू राष्ट्र के साथ हम लोग पाकिस्तान से सब कुछ छोड़कर हिंदुत्व के लिए खाली हाथ वहां से आए। आगे उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के लिए कितने कष्ट सहने पड़े। हम दुनिया भर में चले गए। स्वयं को स्थापित किया। नेपाल पहले हिन्दू राष्ट्र था, फिर बाद में राजनैतिक परिस्थितियों में परिवर्तन हुआ तो उसे एक सेकुलर देश बनाया गया। नेपाल में 85 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं। आज भी सबकी भावना हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने की है। हमें लगता है कि भारत द्वारा अगर हिन्दू राष्ट्र का ऐलान किया जाएगा, तो उस समय नेपाल को भी हिन्दू राष्ट्र घोषित करना पड़ेगा, क्योंकि जनता भी यही चाहती है।
गुजरात की महिला बाल विकास मंत्री डॉ. निर्मला ने क्या कहा?
गुजरात सरकार में महिला बाल विकास मंत्री डॉ. निर्मला सुनील बाधवानी ने कहा कि हमें लगता है कि जैसे पहले अखंड भारत था, वैसे ही अखंड भारत होगा। बटवारे के समय सिंध प्रांत पाकिस्तान में रह गया था। सिंध के लोग ऑटोनॉमस होकर भारत में जुड़ना चाहेंगे। ऐसा भी हो सकता है कि पाकिस्तान के चार- पांच टुकड़े और हो जाएं। उसमें से सिंध वाला हिस्सा भारत में मिल जाएं। वैसे, सिंध को भारत में जुड़ना चाहिए। सिंध में रह रहे सिंधी और हिन्दू भाई भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि सिंध का भारत में विलय हो।
कार्यक्रम में 16 देश के लोग हुए शामिल
आपको बता दें कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दुबई, हांगकांग, थाईलैंड, यूके, स्पेन सहित लगभग 16 देशों से लोग आए हुए थे। लोगों ने कहा कि समय बहुत बदल गया है। पाकिस्तान की हालत बद से बदतर हो रही है। वहां विद्रोह की ज्वाला धधक रही है। हमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय जयकार की गूंज सुनाई दे रही है। 20 साल पहले तत्कालीन सर-संघचालक सुदर्शन जी द्वारा 36 साल की एक गणित बताई गई थी। 2011 में एक भारत वापस शौर्य की ओर लौट जाएगा। फिर 2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच डाला। पाकिस्तान में विद्रोह का आरंभ हो गया। वहां रहने वाले हिन्दू समाज भारत आना चाहते हैं।