Thursday, November 21, 2024

भोपाल गैस त्रासदी: केंद्र की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज, बेंच ने ये बताई वजह

भोपाल। गैस कांड के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। इस याचिका में गैस पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड से लगभग 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग उठी थी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना , जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने बताया कि केस दोबारा खोलने पर मुश्किलें बढ़ जाएगी।

बेंच ने 12 जनवरी को फैसला रखा था सुरक्षित

बता दें, 3 दिन तक दलीलें सुनने के बाद 5 जजों की बेंच ने इस साल 12 जनवरी को फैसले को सुरक्षित रखा था। सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए यह कहा था कि पीड़ितों को अधर में बिलकुल भी नहीं छोड़ा जाएगा.

याचिका ख़ारिज करने की यह बताई वजह

उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन पर और ज्यादा मुआवजे का बोझ नहीं डाल सकते हैं। हम इस बात से नाराज हैं कि इस पर पहले ध्यान नहीं दिया गया। पीड़ितों को नुकसान की तुलना में लगभग 6 गुना अधिक मुआवजा दिया गया है। अगर ये केस दोबारा खोला गया तो यह यूनियन कार्बाइड के लिए ही लाभकारी होगा, जबकि पीड़ितों की मुश्किलें इससे और बढ़ जाएगी।

किस वर्ष दायर हुई थी क्यूरेटिव पिटीशन

बताते चलें कि गैस कांड के उपरांत यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन द्वारा पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया गया था। लेकिन पीड़ितों ने ज्‍यादा मुआवजे की डिमांड करते हुए कोर्ट से अपील की। केंद्र ने 1984 के गैस कांड पीड़ितों को डाउ केमिकल्स से करीब 7,844 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग रखी है। इसके लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर हुई थी।

यह है पूरा मामला

2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से जहरीली गैस लीक होने से आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार 3,787 लोग मौत के मुंह में चल गए थे।बता दें कि 4 मई 1989 को सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी से 470 मिलियन डॉलर हर्जाना के रूप में लेने का आदेश दिया था। 1991 में सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ित संगठनों की रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया था। हर्जाना बढ़ाने की डिमांड खारिज हो गई थी। कहा था कि अतिरिक्त मुआवजा केंद्र सरकार को देना पड़ेगा।22 दिसंबर 2010 को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। इसमें अतिरिक्त हर्जाने की मांग रखी थी।14 मार्च 2023 यानि आज सुप्रीम कोर्ट ने इस क्यूरेटिव पिटीशन को रद्द कर दिया।

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