भोपाल। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण हाइवे मुबंई आगरा रोड और इंदौर इच्छापुर रोड पर ब्लैक स्पॉट बना हुआ है। लेकिन हैरान करने वाली बात यहाँ यह है कि इंदौर जिले की सीमा में ही हादसे रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। दो साल में भेरुघाट में सड़क हादसे में 13 लोग अपनी जान गंवा चुके है,जबकि एबी रोड के गणपति घाट पर तो 15 साल में 200 से ज्यादा लोग मौत के शिकार हो गए हैं। इसके बावजूद नेशनल हाइवे अर्थारिटी ऑफ इंडिया ब्लैक स्पॉट को क्यों ठीक नहीं कर रही है?
ढलान पर बंद गाडी पकड़ती हैं 70 की स्पीड
एबी रोड के लिए इंदौर से खलघाट तक के हिस्से को 15 साल पहले फोरलेन बना दिया गया था। गणपति घाट पर सड़क निर्माण के चलते सही ढलान देने में अफसरों ने बहुत बड़ी गलती कर दी। जिसकी कीमत 200 से ज्यादा लोगों को जान देकर चुकानी पड़ी है। सड़क की ढलान इतना ज्यादा है कि यदि बंद गाड़ी ढलान पर चले तो वाहन की स्पीड जीरो से 70 तक पहुंच जाएगी।
क्यों लगती है वाहन में आग?
गणपति घाट पर हादसा वाहन में आग लगने के कारण होता है,क्योकि हादसे के बाद वाहन पर काबू नहीं हो पाता है और वो नहीं रूकता है. सड़क पर घर्षण की वजह से वाहनों में आग लग जाती है। शनिवार के हादसे में भी दो ट्रकों में आग से धू-धू हो गए। छह साल पहले इंदौर से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुए एक परिवार के चारों सदस्य की ट्रक की चपेट में आने से मृत्यु हो गई थी। कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी. इस दौरान पति-पत्नी और दो बच्चे कार से निकलने में असमर्थ रहे और जिंदा जल गए।
हर वर्ष होती हैं करीब 12 लोगों की मौत !
मानपुर थाना प्रभारी अमित कुमार ने कहा कि कई बार हमने एनएचएआई को ढलान ठीक करने के लिए पत्र लिख दिया है। यहां हर वर्ष 10 से 12 लोगों की हादसे में मौत हो जाती है। इस सड़क को ठीक करने के लिए तीन बार योजनाएं भी बनी, लेकिन वो जमीन पर नही उतारी गई।