भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक, ‘रोजगार और निर्माण’ अख़बार के संपादक प्रोफेसर पुष्पेन्द्र पाल सिंह का मंगलवार सुबह हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। वह पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी ऑफ इंडिया के मध्यप्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष भी थे। पुष्पेंद्र पाल अपने छात्रों के बीच ‘पी.पी. सर’ के नाम से प्रसिद्ध थे। अनगिनत छात्रों को उन्होंने पढ़ाई के अलावा उपयुक्त रोज़गार पाने में बहुत सहायता की थी। साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से उनका गहरा नाता था। मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने उनकी मृत्यु पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी।
सोमवार देर रात पड़ा दिल का दौरा
जानकारी के मुताबिक सोमवार देर रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में एडमिट किया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने के अथक प्रयास किए लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। बता दें, प्रोफेसर पुष्पेंद्र का अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर के करीब 12:30 बजे भोपाल के भदभदा घाट पर होगा। उनके निधन से पूरे पत्रकारिता जगत सदमे में आ गया है। उनके पढ़ाए हुए छात्र आज देश दुनिया के सभी प्रमुख पत्रकारिता संस्थानों में अहम पदों पर आसीन हैं। कई तो प्रशासकीय सेवा भी दे रहे हैं।
बच्चों की मदद के लिए रहते थे हमेशा तत्पर
पुष्पेंद्र पाल सिंह को शायद ही कोई उनके पूरे नाम से जानता था। पुष्पेंद्र पाल सिंह बच्चों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। कई बार उन्होंने विद्यार्थी के पास फीस के पैसे न होने पर उनकी फीस भी जमा की है। ऐसा भी बताया गया है कि अगर कोई छात्र रात को 12 बजे इन्हें फोन करके कह दे कि मैंने आज भोजन नहीं किया तो वो खुद छात्र के लिए खाना लेकर चले जाते थे।
उनके जन्मदिन पर विधार्थियों का लगता था जमावड़ा
पीपी सर वो शख्स थे जो सबको सही सुझाव दिया करते थे और हर संभव मदद के खड़े रहते थे। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि हर वर्ष 8 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर देश भर से भारी संख्या में छात्र उनके गुलमोहर कॉलोनी स्थित घर पर इकठ्ठा होते थे। यही वजह है कि आज उनके निधन पर पत्रकारिता जगत में शोक का माहौल बना हुआ है।